सेक्स न करने से सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो सकता है। जानिए सेक्स व अंतरंगता की कमी से क्या-क्या हो सकता है, और कैसे संतुलित जीवनशैली रखी जाए।
जीवन में कई बार हम व्यस्त हो जाते हैं—करियर, परिवार, जिम्मेदारियाँ सब संभालते-संभालते कभी हमारी अंतरंगता (इंटिमेसी) या सेक्सुअल लाइफ बैकसिट पर चली जाती है। आप सोच सकते हैं कि “अगर मैं सेक्स नहीं कर रहा/रही हूँ तो क्या होगा?” या “क्या इससे कोई नुकसान होगा?”। दरअसल, सेक्स केवल शारीरिक क्रिया नहीं—यह हमारे शरीर, मन, रिश्ते और भावनात्मक जुड़ाव से गहराई से जुड़ी हुई है।
इस लेख में हम कहानी के माध्यम से देखेंगे कि कैसे सेक्स नहीं करने की स्थिति — चाहे स्वेच्छा से हो या अनचाहे — कुछ बदलाव ला सकती है, जिनसे निपटना समझदारी भरा होगा।
कहानी: मीना और आदित्य की जिंदगी में बदलाव
मीना और आदित्य (नाम बदल दिए गए हैं) एक शादीशुदा दंपत्ति हैं। शादी के 5 साल बाद, दोनों के पास कैरियर, बच्चा-बेहतर भाई-बहन आदि की जिम्मेदारियाँ थीं। धीरे-धीरे दोनों की सेक्सुअल लाइफ कम होने लगी और “बस दोस्त जैसे साथी” बने रहने का रूप ले लिया।
मीना ने महसूस किया कि वो पहले जितनी सहज महसूस नहीं करती थीं; आदित्य ने भी कहा कि काम के बोझ के कारण हल्की-सी दूरी महसूस हो रही है। शुरुआत में उन्होंने इसे ‘थकान’ या ‘समय नहीं’ कहकर नजरअंदाज किया।
कुछ महीनों बाद, मीना ने पाया कि उसकी नींद थोड़ी हल्की सी हो गई है, मूड स्वing्स बढ़ गए हैं, और रिश्ते में वह पहले जैसा जुड़ाव महसूस नहीं कर रही थी। आदित्य ने महसूस किया कि उनका आत्म-विश्वास थोड़ा नीचे आ गया है।
वह यह एहसास करने लगे कि सेक्सुअल जुड़ाव सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
यह कहानी हमें संकेत देती है कि सेक्स नहीं करने का सिर्फ “विकल्प” होना ही काफी नहीं—उसका असर भी हो सकता है।
सेक्स न करने से क्या-क्या हो सकता है?
नीचे सेक्सुअल क्रिया में कमी या लंबे समय तक अनिच्छित सेक्सुअल अभाव के संभावित शारीरिक, मानसिक व संबंध-संबंधी असर दिए हैं।
1. मानसिक स्वास्थ्य और मूड पर असर
सेक्स के दौरान हमारे शरीर में ‘खुशी-हॉर्मोन’ जैसे Oxytocin और Endorphins निकलते हैं, जो तनाव कम करने और मूड बेहतर रखने में मदद करते हैं। (The Indian Express)
जब ये क्रिया (सेक्स) नहीं होती, तो:
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तनाव और चिंता बढ़ सकती है। (SemicHealth)
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आत्म-सम्मान गिर सकता है, क्योंकि व्यक्ति अपनी अंतरंगता या सहभागिता को कम महसूस कर सकता है। (Prevention)
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खासकर जब यह अनचाहा हो, तो अकेलापन या विछोह का अनुभव बढ़ सकता है।
2. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
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लम्बे समय तक सेक्स नहीं करने पर इम्युन सिस्टम पर असर हो सकता है — कुछ अध्ययनों ने बताया है कि नियमित सेक्स करने वालों में इम्युनोग्लोबुलिन A (IgA) का स्तर बेहतर पाया गया है। (SemicHealth)
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महिला-शरीर में, सेक्सुअल क्रिया और रक्त-संचार के अभाव से योनि की दीवारें अधिक पतली हो सकती हैं (विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद) और अचानक सेक्स करने पर असुविधा हो सकती है। (WebMD)
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पुरुषों में कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि ejaculation की कम आवृत्ति कुछ प्रकार के प्रोस्टेट जोखिम से जुड़ी हो सकती है। (The Times of India)
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पेल्विक फर्श (pelvic floor) के मांसपेशियों पर असर हो सकता है, जिससे ब्लैडर कंट्रोल या अन्य पेल्विक स्वास्थ्य की चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। (Healthshots)
3. रिश्तों और अंतरंग जुड़ाव पर असर
सेक्स सिर्फ शारीरिक क्रिया नहीं—यह पार्टनर के प्रति भावनात्मक जुड़ाव, विश्वास, और करीबी का माध्यम भी है। जब इस पहलू में कमी होती है:
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साथी के साथ संवाद, स्पर्श, नजदीकी की भावना कम हो सकती है। (Prevention)
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‘सेक्सलेस’ रिश्तों में आत्म-संदेह या असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है।
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सेक्स में कमी से दोनों पार्टनर्स के बीच “मैं बहुत चाहता/चाहती हूँ या नहीं?” की अनकही बातचीत बढ़ सकती है, जिससे तनाव बढ़ता है।
ध्यान देने योग्य बातें: क्या यह हर किसी पर लागू होता है?
हाँ और नहीं। नीचे कुछ बातें ध्यान में रखें:
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यदि सेक्स का अभाव स्वेच्छा से है और व्यक्ति मन-स्थित रूप से संतुष्ट है, तो “सेक्स न करना” अपने आप में हानिकारक नहीं माना जाता। उदाहरण के लिए कुछ लोग अलग कारणों (धार्मिक, व्यक्तिगत, स्वास्थ्यगत) से सेक्स नहीं करते हैं और पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं। (Reddit)
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लेकिन जब सेक्स न करना अनचाहा, अदृश्य दबाव, रिश्तों में दूरी, स्वास्थ्य-समस्याओं या मन-स्तिथि (मानसिक अवसाद, चिंता) के कारण है — तब इसके असर महसूस होने की संभावना बढ़ जाती है।
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बहुत से अध्ययन यह बताते हैं कि सेक्स की आवृत्ति (दो हफ़्ते-एक महीने) व गुणवत्ता मायने रखती है, न कि सिर्फ “हो रहा हो या नहीं”।
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यह जरूरी है कि सेक्स की कमी को केवल शारीरिक दृष्टि से न देखें, बल्कि उसकी वजह, भावनात्मक दृष्टि, साझेदारी-स्तर को देखें।
क्या करें? सुझाव और समाधानों का मार्ग
यदि आप, आपके साथी, या आपके रिश्ते में यह सवाल उठ रहा है कि “सेक्स नहीं होने से क्या-क्या हो सकता है?” — तो नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
• खुलकर बातें करें
आप और आपका साथी समय निकालें, संवाद करें—आप किस कारण से सेक्सुअल संबंध कम कर रहे हैं? तनाव है? स्वास्थ्य की समस्या है? बिज़ीनेस/परिवार का बोझ है? खुले विचार-विमर्श से समस्या आधी हल हो जाती है।
• अप्रत्यक्ष अंतरंगता बढ़ाएं
सेक्स ही एकमात्र अंतरंगता नहीं: हाथ पकड़ना, गुप्त बातें करना, एक-दूसरे की भावनाओं को सुनना भी बहुत मायने रखता है। यानि अंतरंगता के इलावा नज़दीकी बनाए रखें।
• स्वास्थ्य और जीवनशैली देखें
स्वस्थ जीवनशैली — नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन — सेक्सुअल स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। उदाहरण के लिए तनाव बढ़ने पर सेक्सुअल इच्छा कम हो सकती है।
• अगर समस्या बनी हुई हो तो पेशेवर मदद लें
अगर सेक्स की कमी के कारण या उससे जुड़ी वजहों (मूड डिसऑर्डर, सेक्सुअल डिसफंक्शन, रिश्ते में लगिन लगाव गिरना) से आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो सेक्सोलॉजिस्ट, गाइनेकोलॉजिस्ट, या काउंसलर से संपर्क करना समझदारी होगी।
• अपनी निजी जरूरतों को समझें
हर व्यक्ति की सेक्सुअल इच्छा और जीवन-दृष्टिकोण अलग होता है। कुछ के लिए हफ्ते में एक बार सेक्स पर्याप्त हो सकता है, कुछ के लिए महीने में एक बार। अपना “ठीक” स्तर समझें और उस हिसाब से काम करें।
निष्कर्ष
सेक्स न करना अनिवार्य रूप से खतरनाक नहीं है, लेकिन जब यह स्थिति अनचाही हो, या आप भावनात्मक-शारीरिक दोनों स्तरों पर असंतुष्ट महसूस कर रहे हों—तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, और रिश्तों पर असर डाल सकती है।
मेरी सलाह है: अपने शरीर की सुनिए, अपने रिश्ते की देखभाल कीजिए, और यदि जरूरत हो तो पेशेवर मदद लेने में हिचकिचाइए नहीं। याद रखिए—स्वस्थ सेक्सुअल लाइफ का मतलब सिर्फ शारीरिक क्रिया नहीं बल्कि भावनात्मक जुड़ाव, सहयोग, और समर्पण भी है।
अगर आपने हमारी वेबसाइट पर पहले “रिश्तों में संवाद कैसे बढ़ाएं” या “मानसिक स्वास्थ्य और सेक्सुअल हेल्थ” जैसे लेख पढ़े हैं, तो आप उन्हें यहाँ [इंटरनल लिंक: /blog/communication-in-relationship] और [इंटरनल लिंक: /blog/sexual-health-mental-wellbeing] पर देख सकते हैं।
👉 अब आपकी बारी है: यदि आप महसूस कर रहे हैं कि सेक्स की कमी से आपका जीवन प्रभावित हो रहा है, तो आज ही अपने साथी से बात करें या एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलने का समय निर्धारित करें। बदलाव तभी संभव है जब हम उसे स्वीकारें और पहल करें।

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